करोड़ों फुटबॉल प्रेमियों के दिलों की धड़कन लियोनेल मेसी ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया है।
कतर के लुसैल स्टेडियम में करिश्मा हो गया है। करोड़ों
फुटबॉल प्रेमियों के दिलों की धड़कन लियोनेल मेसी ने
अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया है। 36 साल बाद
पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना ने फ्रांस को वर्ल्ड कप
फाइनल में 4-2 से हरा दिया है। मुकाबले के 80 मिनट तक 2-0 से आगे चल रहा अर्जेंटीना कीलियन एमबाप्पे
के 97 सेकंड में दागे गए 2 बैक टू बैक गोल के कारण
फ्रांस की बराबरी पर पहुंच गया। नतीजा हुआ एक्सट्रा
टाइम में 15-15 मिनट के 2 हाफ। यहां फिर एक दफा लियोनेल मेसी ने 108वें मिनट में गोल दागकर अर्जेंटीना
को 3-2 से आगे कर दिया। पर एमबाप्पे ने मुकाबले का अपना तीसरा गोल दागकर मैच को फिर एक दफा
बराबरी पर ला खड़ा किया। 120 मिनट के बाद भी जब विजेता का निर्णय नहीं हुआ तो पेनल्टी शूटआउट की
नौबत आई।
पेनल्टी शूटआउट में सबसे पहले एमबाप्पे ने लेफ्ट कॉर्नर में गोल दागकर फ्रांस को 1-0 की बढ़त
दिला दी। बदले में मेसी ने भी गोलपोस्ट के लेफ्ट साइड
में गोल दागकर स्कोर 1-1 कर दिया। अब फ्रांस के
किंग्सले कॉमान पेनल्टी में गेंद को गोलपोस्ट में नहीं डाल सके, जबकि अर्जेंटीनी पाउलो डीबाला ने गोल
दागकर अर्जेंटीना को पेनल्टी शूटआउट में 2-1 से आगे कर दिया।
इसके बाद फ्रांस के औरिलियन चौमेनी भी पेनल्टी मिस कर गए, पर अर्जेंटीनी लीएंड्रो पेरेडस ने गोल दागकर
अपनी टीम को 3-1 से आगे कर दिया। इसके बाद फ्रांस की ओर से रांडल कोलो ने गोल कर स्कोर 3-2 कर
दिया। अंत में अर्जेंटीना के गोंजालो मोन्टीएल ने गोल दागकर टीम को 4-2 से जीत दिला दी। अर्जेंटीना के
गोलकीपर मार्टीनेज को पेनल्टी शूटआउट का बीस्ट कहा जाता है। फाइनल में उन्होंने इसे सही साबित कर
दिखाया।
लियोनेल मेसी ने अपने करियर में सब हासिल कर लिया था, सिवाय फुटबॉल वर्ल्ड कप के। 8 साल
पहले 2014 के वर्ल्ड कप फाइनल में जर्मनी ने अर्जेंटीना को 1-0 से हरा दिया था। तब मेसी पेनल्टी पर
गोल दागने से चूक गए थे और इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा था। आलोचना तो इतनी हुई थी कि
खैर पूछो मत...! 8 साल में दुनिया इधर से उधर हो गई। मेसी ने कई खिताब अपने नाम कर लिए लेकिन वर्ल्ड
कप की आस बनी रही। जैसे सचिन तेंदुलकर ने 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतकर अपने करियर को संपूर्ण कर
लिया, कुछ वैसा ही मेसी और उनके करोड़ों समर्थकों ने भी महसूस किया है।
इधर 2022 फुटबॉल वर्ल्ड कप
फाइनल शुरू हुआ और उधर मेसी के समर्थकों का उत्साह अपने चरम पर पहुंच गया। दुनियाभर की निगाह
स्क्रीन पर टिक गई। मेसी की एक झलक दिखने पर लोग मारे खुशी के चीखने लगे। फाइनल मुकाबले के
21वें मिनट में अर्जेंटीनी खिलाड़ी एंजल डी मारिया फ्रांस के पेनल्टी बॉक्स की ओर बॉल लेकर दौड़े। पर
फ्रांसीसी ओस्मान डेम्बेले ने फाउल कर दिया और बदले में मिल गई अर्जेंटीना को मुकाबले की पहली पेनल्टी।
मुकाबले के 23वें मिनट में इस पेनल्टी पर गोलपोस्ट के निचले राइट कॉर्नर में लियोनेल मेसी ने गोल दाग दिया।
समूचे स्टेडियम में ऐसी चीख, जिसकी गूंज सदियों तक रहेगी। 2014 वर्ल्ड कप फाइनल में पेनल्टी चूकने वाले
मेसी ने 2022 वर्ल्ड कप फाइनल में बदला पूरा कर दिया।
यह मेसी के वर्ल्ड कप करियर का 26वां मैच था।
उनसे ज्यादा मैच फुटबॉल वर्ल्ड कप में किसी और
खिलाड़ी ने कभी नहीं खेले। लियोनेल मेसी शुरू से ही
सोच कर आए थे कि अबकी बार हर हाल में वर्ल्ड कप जीतना है। उनकी कप्तानी में टीम की तैयारी का अंदाजा
इसी बात से लगाया जा सकता है कि फाइनल मुकाबले के पहले हाफ में फ्रांस की टीम अर्जेंटीना के गोलपोस्ट
पर एक बार भी अटैक नहीं कर सकी। जबकि अर्जेंटीना ने फ्रांस के गोलपोस्ट पर पहले हाफ में ही 6 दफा हमले
किए और 2 बार गोल करने में कामयाब रहे। अर्जेंटीना की तरफ से दूसरा गोल मुकाबले के 36वें मिनट में
एंजेल डी मारिया ने किया।
दूसरे गोल में भी मेसी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। मेसी को एक ऐसा खिलाड़ी
माना जाता है, जो खुद गोल करने की बजाय साथी खिलाड़ियों के लिए मौके बनाने में ज्यादा यकीन रखता
है। मेसी के आदर्श रहे डिएगो माराडोना भी कहते थे कि फुटबॉल में आपको एक दूसरे के लिए खेलना होता है।
जब मेसी को यकीन हो जाता है कि किसी परिस्थिति में वह गोल करने के सबसे ज्यादा करीब हैं, तभी वह
गोलपोस्ट पर शॉट दागते हैं। इसका नमूना कई मुकाबलों में देखने को मिला है और फाइनल में फिर एक बार
नजर आया। मुकाबले के 35वें मिनट में मेसी करोड़ों उम्मीदें और बॉल साथ लेकर दौड़े। जगह मिलते ही
उन्होंने साथी खिलाड़ी मैक एलिस्टर को फ्रांस के पेनल्टी बॉक्स में पास दे दिया। एलिस्टर ने तुरंत ही एंजल डी
मारिया को गेंद पास कर दी और गेंद सीधा गोलपोस्ट में। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि फ्रांसीसी गोलकीपर
ह्यूगो लॉरिस डी को कुछ भी सोचने-समझने का अवसर नहीं मिला।
ओस्मन डेम्बेले के कारण सबसे पहले मेसी
को पेनल्टी पर गोल करने का मौका मिला और इसी नाराजगी में फ्रांस के मैनेजर ने मुकाबले के 41वें मिनट
में उनकी जगह रांडाल कोलो मुआनी को अंदर भेज दिया। हार का डर इस हद तक हावी हो गया कि इस
वर्ल्ड कप में फ्रांस के लिए 4 गोल करने वाले ओलिवर जिरूड को भी बाहर बुलाकर मार्कस थुरम को मोर्चे पर
लगाया गया। पर 80वें मिनट तक कोई भी रणनीति फ्रांस के हक में नहीं गई। इसके बाद फ्रांस के स्टार
कीलियन एमबाप्पे ने 80वें और 81वें मिनट में 2 गोल कर दिए। देखते-देखते मुकाबला 2-2 से बराबर हो गया।
97 सेकंड में पूरा पासा पलट गया। इसका परिणाम यह रहा कि निर्धारित 90 मिनट के बाद दोनों ही टीमें 2-2
स्कोर के साथ बराबरी पर रहीं। मुकाबला एक्सट्रा टाइम में 15-15 मिनट के 2 हाफ की ओर बढ़ गया।
यहां से
मेसी को साबित करना था कि चाहे कुछ भी हो जाए, अर्जेंटीना उनके रहते हार नहीं सकता। एक्स्ट्रा टाइम में
गोल दागकर मेसी ने अपनी सुप्रीमेसी साबित भी कर दी। पर एमबाप्पे ने वर्ल्ड कप फाइनल के इतिहास में
दूसरी दफा हैट्रिक गोल दाग कर मेसी के सपने को चुनौती देने की कोशिश की। यहां से मुकाबला पेनल्टी
शूटआउट में पहुंचा और अर्जेंटीना ने 4-2 से जीत हासिल कर ली। 2014 वर्ल्ड कप फाइनल और 2016
कोपा अमेरिका फाइनल में अर्जेंटीना की हार का गम भुला दिया गया। इसके साथ ही मेसी ने अनाउंस कर
दिया कि वह भी रिटायर नहीं हो रहा है। 2006 में 18 साल की उम्र में पहला फुटबॉल वर्ल्ड कप खेलने वाले
मेसो वर्ल्ड चैंपियन फुटबॉलर के तौर पर कुछ और साल खेलना चाहते हैं। करोड़ों फैंस भी अपने सुपरस्टार को
अभी मैदान पर और देखना चाहते हैं।
2022 वर्ल्ड कप में 7 गोल दागने वाले मेसी को गोल्डन बॉल अवार्ड से
सम्मानित किया गया। गोल्डन बॉल उस फुटबॉलर को दी जाती है, जिसने वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा इंपैक्ट
डाला हो। अब अगर कोई पूछेगा कि तुम्हारा मेसी महानतम क्यों है? तो जवाब में बिना कुछ बोले मुस्कुरा
दीजिएगा। फिर कहिएगा की फुटबॉल में कोई ऐसी ट्रॉफी बनाओ, जिसे मेसी जीत ना पाए। बाकी सबसे तो
मेसी ने अपनी कैबिनेट भर ली है।🌻
मेसी ने फुटबॉल वर्ल्डकप जीत कमाल कर दिया
अपने करोड़ों चाहने वालों को निहाल कर दिया ❤️
⭐Thank you🌟
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